उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में एक 22 वर्षीय नर्सिंग छात्रा पहली मंजिल से कूदने के बाद घायल हो गई। उसके कूदने का कारण बताया जा रहा है कि कॉलेज के छात्रों को कोविड 19 वार्ड में काम करने के लिए मजबूर किया जाता था। दरअसल अस्पताल के कुछ नर्सिंग छात्रों ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाई लेकिन कोई फायदा नही हुआ, फिर एक नर्सिंग छात्रा ने मजबूर हो कर अस्पताल की मंजिल से छलांग लगा ली।
जिले के वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने छात्रों के साथ बात चीत की और उनके समर्थन का आश्वासन दिया। छात्रों ने एक वीडियो साझा किया, जिसमे ये दावा किया जा रहा था कि कॉलेज प्रशासन द्वारा छात्रों को कोविड 19 वार्ड में काम करने के लिए मजबूर किया गया था और मानसिक उत्पीडन किया जा रहा था। बताया जा रहा है की छात्रा को वार्ड में जाने के लिये पी.पी.ई किट नही दिया गया था। कॉलेज प्रशासन द्वारा धमकी दी गई थी कि उसके डिप्लोमा को रद्द कर दिया जाएगा और खाना भी नही दिया गया।
इस पर लड़की की माँ ने शिकायत दर्ज कराई है, शिकायत के आधार पर पुलिस ने तिलहरी पुलिस स्टेशन में कॉलेज के प्रिंसिपल और दो अन्य कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। कोविड 19 वार्ड में काम करने के लिये भेजना गलत नही है लेकिन जबरदस्ती काम कराना और न मानने पर मानसिक उत्त्पीडऩ और धमकी का सहारा लेना गलत है। कॉलेज प्रशासन द्वारा इस प्रकार की हरकते करना छात्रा के लिए जानलेवा हो सकता था।