पिछले कुछ समय में नर्सों को कोरोना महामारी के आलावा भी कई परेशानियों का सामना करते पाया गया है इसी कड़ी में देश के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक हैदराबाद के निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज(NIMS) हॉस्पिटल में मांगे पूरी ना होने से वहाँ का पूरा नर्सिंग स्टाफ हड़ताल पर चला गया और कार्य का बहिष्कार कर दिया।
नर्सिंग स्टाफ ने बीते माह की 23 तारीख को ही स्पष्ट कर दिया था कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गयी तो पूरा स्टाफ काम का बहिष्कार कर देगा। इतने इंतजार के बाद भी जब उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो उन्होंने अंत में काम के बहिष्कार का फैसला लिया।
NIMS नर्सेज यूनियन की प्रमुख विजया कुमारी ने बताया था कि यदि उनकी मांगो को नहीं माना गया तो सभी हड़ताल शुरू करेंगे और इसके पहले भी मांगे ना पूरी होने तक प्रतिदिन खाने के समय पर एक घण्टे तक काले पट्टी पहनकर प्रदर्शन जारी रखेंगे ओर उन्होंने ऐसा ही किया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया था कि मांगे पुरी होने की घोषणा के बाद से ही वह काम पर लौट आएंगे।
इस संदर्भ में शनिवार को नर्सेज यूनियन के अध्यक्ष ओर NIMS प्रशासन के बीच दोपहर 12 बजे से लगभग 2.30 तक बैठक हुई, जहाँ फिर से उन्होंने अपनी मांगों को उनके सामने रखा। NIMS के निर्देशक ने एक पत्र लिखकर नर्सो से हड़ताल ख़त्म के लिए कहा और बताया इससे हॉस्पिटल की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
नर्सेज यूनियन ने अपनी माँगो को सही बताया और पत्र लिखकर NIIMS प्रशासन को मांगे बतलाई –
कोविद -19 प्रोत्साहन का भुगतान, बीमा कैरियर का भुगतान,
स्टाफ नर्स का प्रमोशन आदि।
इनमें से कुछ मांगो को 2018 से बकाया बताया था।
इस बारे में Nursing News India ने पहले भी अपनी खबर में बताया था। उस खबर के अनुसार 23 अक्टूबर को ही हड़ताल करने के बारे में नर्सिंग यूनियन ने NIMS प्रशासन को पत्र लिखकर बता दिया था कि मांगे पूरी न होने पर 7 नवंबर से पूरा नर्सिंग स्टाफ काम का बहिष्कार करके हड़ताल को शुरू कर देगा।