भारतीय सेना में चालीस साल तक सेवा का कार्य कर रही मेजर जनरल सोनाली घोषाल को अतिरिक्त महानिदेशक (सैन्य नर्सिंग सेवा) का पद प्राप्त हुआ है। मेजर जनरल जॉयस ग्लैडिस रोच के रिटायर होने के बाद अब इस पद का कार्यभार सोनाली घोषाल को सौपा है
नर्सिंग प्रॉफेशन मानव जाति के प्रति सेवा और समर्पण का कार्य है, लेकिन जो हमारी और हमारे देश की रक्षा करते हुए शहीद होते है ऐसे सैनिको की सेवा करना, इलाज करना अपने आप मे गर्व की बात है।
मेजर जनरल सोनाली घोषाल को 1981 में आयुक्त पद दिया गया, वह स्कूल ऑफ नर्सिंग, भारतीय नौसेना अस्पताल जहाज (अश्विनी) मुम्बई की पूर्व छात्रा रह चुकी है। आर्मी हॉस्पिटल रीसर्च एंड रेफरल, दिल्ली कैंट की प्रिंसिपल मेट्रिन का कार्यभार भी संभाला।
सोनाली पश्चिम बंगाल से संबंध रखती है और भारत के कई हिस्सों में मिलिट्री सर्विस दे चुकी है।
38 साल की मिलिट्री नर्सिंग सेवा में ऑपरेशन ब्लूस्टार और ऑपरेशन सद्भावना के दौरान घायल हुए सैनिको की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ, जो कि बहुत गौरवपूर्ण कार्य हैं। उनकी देशभक्ति एव सेवा का आदर करते हुए उन्हें सैना अध्यक्ष प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।
उनकी सच्ची निष्ठा और सेवा भाव कार्य ने ही उन्हें इस मुकाम पर पहुचाया है। हमे उनके इन गौरवमय कार्य पर गर्व है और इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
मेजर जनरल सोनाली घोषाल ने बताया कि “नर्सिंग श्रेष्ठता में शुरुआत से ही मेंरा मूल्य मुख्य रहा है। मेरा मानना है कि नर्सिंग का कार्य मानव जाति के प्रति समर्पण, सेवा का भाव रखना है। और इस कार्य को प्रत्येक नर्स को अपना कर्तव्य समझ कर करना चाहिए।”
मिलिट्री नर्सिंग एक चुनोतिपूर्ण कार्य रहा है। हाल ही में लेह लद्दाख को घनी पहाडियो पर नर्सो का कम संसाधनों के होते हुए भी सेनिको के स्वास्थ्य की जांच एवं देखभाल चर्चा एवं सराहना का विषय रहा है।