सदियो से चले आ रहे नर्सिंग कोर्स जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (GNM) को 2018 में रोक दिया गया था। इसके स्थान पर Indian Nursing Council ने BSc Nursing को ही प्राथमिकता दिए जाने का फैसला लिया।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में इस डिप्लोमा पर लगी रोक को हटाने का फैसला लिया हैं।
सरकारी व निजी नर्सिंग इंस्टीट्यूट ने जब इसके कारण भविष्य में होने वाली समस्याओं के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को अवगत कराया तो इस पर पुनः विचार करके यह फैसला लिया गया कि GNM पर लगी रोक को खत्म किया जाए।
इस फैसले से कई चेहरो पर मुस्कान छा गईं है।
इनमे हजारो की संख्या में नर्स बनने की इच्छा रखने वाले स्टूडेंट्स है। Arts के स्टूडेंट इस फैसले से बहुत ज्यादा खुश दिखाई दिए।
इस सम्बन्ध में नर्सिंग काउंसिल के फैसले के अनुसार 2018 के बाद से इस डिप्लोमा को खत्म कर दिया गया। लेकिन 9 अक्टूबर 2020 को मिली नई अपडेट में बताया गया कि इस डिप्लोमा पर लगी रोक को हटा दिया गया है और अब स्टूडेंट्स यह कोर्स करके तीन वर्ष में नर्स बन पाएंगे।
सिर्फ विज्ञान संकाय से जुड़े स्टूडेंट ही BSc Nursing कोर्स कर सकते है जबकि GNM कोर्स को सभी संकाय से जुड़े स्टूडेंट्स भी कर पाएंगे। इस कोर्स के वापस चालू होने से जल्द ही भारत मे कई नर्स बनेगी।
कुछ स्टूडेंट्स की खुशियो का ठिकाना न था उनमे से कुछ की प्रतिक्रिया नीचे दी गई है।
अनीश मोहम्मद – मुझे जब इसकी जानकारी मिली तो मुझे बहुत खुशी हुई क्योंकि अब हम जैसे कई आर्ट्स स्टूडेंट् भी नर्स बन पायँगे।
राजन शर्मा – यह फैसला बहुत अच्छा लिया गया है।अब इससे कोई भी स्टूडेंट नर्सिग कर सकता हैं।
कैलाश गुर्जर – इसका फायदा सभी स्टूडेंट को मिलेगा और अब वो भी नर्सिंग करके लोगो की सेवा कर पायँगे।
समीर डांगी – GNM पहले भी होती थी और अब फिर इसके शुरू होने से बहुत से विद्यार्थी अपना सपना पूरा कर सकेंगे।